मंत्रः दिव्य-लोक की कुंजी (पंच-नमोकार-सूत्र)
णमो अरिहंताणं
णमो सिद्धाणं
णमो आयरियाणं
णमो लोए सव्व साहूणं
एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो
मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं
🔴अरिहंतों (अर्हतों) को नमस्कार।🔴 सिद्धों को नमस्कार। 🔴आचार्यों को नमस्कार।🔴 उपाध्यायों को नमस्कार। 🔴लोक संसार में सर्व साधुओं को नमस्कार। 🔴ये पांच नमस्कार सर्व पापों के नाशक हैं और सर्व मंगलों में प्रथम मंगल रूप हैं।
नमो अरिहंताणं। पांच नमस्कार हैं। अरिहंत को नमस्कार। अरिहंत का अर्थ होता हैः जिसके सारे शत्रु विनष्ट हो गए; जिसके भीतर अब कुछ ऐसा नहीं रहा जिससे उसे लड़ना पड़ेगा। लड़ाई समाप्त हो गई। भीतर अब क्रोध नहीं...
नमो सिद्धाणं। नमो सिद्धाणं। सिद्ध का अर्थ होता है वे, जिन्होंने पा लिया।अरिहंत का अर्थ होता है वे, जिन्होंने कुछ छोड़ दिया। सिद्ध बहुत पाजिटिव शब्द है। सिद्धि, उपलब्धि, अचीवमेंट, जिन्होंने पा लिया।...
“जीवन को हर संभव तरीके से अनुभव करें -- अच्छा-बुरा, कड़वा-मीठा, अंधेरा-उजाला, गर्मी-सर्दी। सभी द्वंद्वों का अनुभव करें। अनुभव से डरो मत, क्योंकि जितना ज़्यादा अनुभव होगा, आप उतने ही परिपक्व बनेंगे।”
Osho